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Women's cricket आज जिस मुकाम पर है, उसकी नींव 50 साल पहले रखी गई थी — जब पहला महिला क्रिकेट विश्व कप 1973 में खेला गया। यह टूर्नामेंट पुरुषों के वर्ल्ड कप से भी दो साल पहले हुआ था और इसने महिला क्रिकेट को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई।
यह आर्टिकल न सिर्फ उस ऐतिहासिक आयोजन की कहानी है, बल्कि इसमें आपको मिलेगी महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल, विजेता सूची, भारत की परफॉर्मेंस, और ICC महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 से जुड़ी हर जानकारी।

कब और कैसे शुरू हुआ था Women’s ODI World Cup?
पहला Women's One Day International (ODI) World Cup खेला गया था 20 जून से 28 जुलाई 1973 तक, इंग्लैंड में। इस टूर्नामेंट को आयोजित किया था Women's Cricket Association of England ने, न कि ICC ने — जो बताता है कि उस वक्त महिला क्रिकेट को संस्थागत समर्थन भी नहीं था।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- यह टूर्नामेंट 60 ओवर फॉर्मेट में खेला गया।
- 7 अंतरराष्ट्रीय टीमों ने भाग लिया।
- पुरुषों का पहला वर्ल्ड कप दो साल बाद 1975 में शुरू हुआ।
कौन-कौन टीमें थीं और फॉर्मेट कैसा था?
इस टूर्नामेंट में कुल 7 टीमें थीं:
टीम | विशेषता |
इंग्लैंड | मेज़बान और विजेता |
ऑस्ट्रेलिया | फेवरेट टीम |
न्यूज़ीलैंड | मजबूत ऑलराउंड यूनिट |
जमैका | कैरिबियन प्रतिनिधि |
त्रिनिदाद और टोबैगो | वेस्ट इंडीज की दूसरी टीम |
यंग इंग्लैंड | अंडर-21 इंग्लिश टीम |
इंटरनेशनल इलेवन | कई देशों की संयुक्त टीम |
फॉर्मेट: Round-robin system था — यानी हर टीम ने हर टीम से एक-एक बार मैच खेला। कोई knockout या फाइनल नहीं था। सबसे ज़्यादा पॉइंट्स वाली टीम को विजेता घोषित किया गया।

महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल जैसा निर्णायक मैच
हालांकि इस टूर्नामेंट में कोई औपचारिक महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल नहीं हुआ था, लेकिन इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया का मैच निर्णायक साबित हुआ। इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 92 रन से हराया और पॉइंट्स टेबल में टॉप पर रहा।
यह मैच Edgbaston, Birmingham में खेला गया था और इसे महिला क्रिकेट इतिहास का पहला "symbolic final" कहा जा सकता है।
विजेता टीम और मुख्य खिलाड़ी
- विजेता: इंग्लैंड
- कप्तान: Rachael Heyhoe Flint
उन्होंने न केवल कप्तानी की बल्कि टूर्नामेंट के आयोजन में भी सक्रिय भूमिका निभाई। England की जीत में कई खिलाड़ियों ने योगदान दिया:
खिलाड़ी | प्रदर्शन |
Enid Bakewell | 264 रन, जिसमें 118 रन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ |
Rosalind Heggs | 12 विकेट (Young England से) |
Rachael Heyhoe Flint | निर्णायक मैच में 64 रन और नेतृत्व में कमाल |
महिला क्रिकेट विश्व कप विजेता सूची (1973–2022)
साल | विजेता | मेज़बान |
1973 | इंग्लैंड | इंग्लैंड |
1978 | ऑस्ट्रेलिया | भारत |
1982 | ऑस्ट्रेलिया | न्यूज़ीलैंड |
1988 | ऑस्ट्रेलिया | ऑस्ट्रेलिया |
1993 | इंग्लैंड | इंग्लैंड |
1997 | ऑस्ट्रेलिया | भारत |
2000 | न्यूज़ीलैंड | न्यूज़ीलैंड |
2005 | ऑस्ट्रेलिया | दक्षिण अफ्रीका |
2009 | इंग्लैंड | ऑस्ट्रेलिया |
2013 | ऑस्ट्रेलिया | भारत |
2017 | इंग्लैंड | इंग्लैंड |
2022 | ऑस्ट्रेलिया | न्यूज़ीलैंड |
भारत ने कितनी बार महिला क्रिकेट विश्व कप जीता?

भारत ने अभी तक महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप नहीं जीता है, लेकिन दो बार फाइनल में पहुंचा है:
- 2005: फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार
- 2017: इंग्लैंड से सिर्फ 9 रन से हार
इन दोनों टूर्नामेंट्स में भारत ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन खिताब हाथ से निकल गया।
ICC महिला क्रिकेट विश्व कप 2025: भारत की तैयारी
ICC महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 भारत में आयोजित होगा — यह पहली बार होगा जब भारत इस टूर्नामेंट की मेज़बानी करेगा।
महत्वपूर्ण बातें:
- 10 टीमें खेलेंगी
- Round-robin और सेमीफाइनल फॉर्मेट
- ICC महिला क्रिकेट विश्व कप का शेड्यूल 2025 की शुरुआत में जारी होने की संभावना है
भारत इस बार होम कंडीशंस का फायदा उठाकर ट्रॉफी जीतने का सपना पूरा कर सकता है।
क्यों था 1973 का वर्ल्ड कप एक ऐतिहासिक मोड़?
- यह पहला अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट टूर्नामेंट था
- पुरुषों से पहले वर्ल्ड कप जीतने का गौरव महिलाओं को मिला
- Women's cricket को पहली बार global platform और मीडिया का ध्यान मिला
आज Women’s IPL, central contracts और world-class facilities की शुरुआत 1973 के उस बीज की फसल है।
निष्कर्ष
1973 का पहला महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप इतिहास में वो turning point था जिसने Women’s Cricket को एक पहचान दी। उस समय संसाधनों की कमी, मीडिया की अनदेखी, और सामाजिक पूर्वग्रहों के बावजूद खिलाड़ियों ने हौसला नहीं छोड़ा।
वो महिलाएं सिर्फ मैदान पर नहीं, बल्कि मानसिकता और व्यवस्था के खिलाफ भी लड़ रही थीं। उनके पैड्स और बैट के पीछे एक ऐसा संघर्ष छुपा था जिसे आज भी सम्मान के साथ याद किया जाना चाहिए।
आज जब ICC महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 भारत में आयोजित होने वाला है, तो यह सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि एक पीढ़ी के सपनों का उत्सव होगा। हमें उन pioneers को याद रखना चाहिए जिनकी वजह से महिला क्रिकेट ने सीमाएं लांघीं, और आज global stage पर खड़ी है।
उनके संघर्षों की वजह से ही आज लाखों लड़कियां क्रिकेट को करियर के रूप में देख पा रही हैं, और मैदान पर सिर्फ बराबरी नहीं, बल्कि लीड कर रही हैं।